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सर्दी का मौसम शुरू होते ही शरीर में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सर्दियों में शरीर का नीला पड़ना, हाई बीपी, ब्लड शुगर के स्तर में गड़बड़ी, धड़कनें तेज होना, सांस लेने में दिक्कत और कई बार शरीर के तापमान में उतार-चढ़ाव जैसी परेशानियां ज्यादातर वृद्धावस्था में सामने आती हैं। कुछ बातों को ध्यान में रखकर इनसे बचा जा सकता है।
◆ शरीर को गर्म बनाएं रखें
रात के समय तेज और सर्द हवाओं के कारण पैरों व हाथों की अंगुलियां नीली पड़ना, दर्द और खुजली होने की दिक्कत होती है। इससे बचने के लिए मोजे और दस्ताने जरूर पहनें। यदि यह समस्या ज्यादा है तो गुनगुने पानी से 10-12 मिनट की सिकाई करें।
◆ धूप निकलने खुले में सैर करें
अस्थमा या सांस सम्बंधी रोग से ग्रसित हैं तो सुबह की बजाय हल्की धूप निकलने पर ही टहलने जाएं। सुबह की सर्द हवाएं सांस नलिकाओं को बाधित कर देती हैं जिससे हृदयरोगियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। सुबह 8 से 10 बजे के बीच धूप लेने से विटामिन-डी की पूर्ति होती है।
◆ फल व सब्जियों के सूप पीएं
शरीर में ऊर्जा बढ़ाने व रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रखने के लिए मौसमी फल (संतरा, अमरूद, पपीता, चीकू) और सब्जियां (पालक, चुकंदर, आंवला, गाजर) लें। चाहें तो नाश्ता, लंच या डिनर किसी भी एक समय सलाद खाएं। या फिर दिन में सब्जियों का सूप पीएं।
◆ हर्बल चीजों का करें इस्तेमाल
खांसी-जुकाम व बुखार जैसी समस्याएं हो तो अदरक, तुलसी, हल्दी और कालीमिर्च आदि घरेलू चीजों से बना काढ़ा भी फायदेमंद होता है।